मंडी। मंडी ज़िला में इस साल एचपीएमसी के सेब खरीद केंद्रों में 15 हजार 194 बैग ही पहुंच पाए हैं। जबकि गत वर्ष 28 हजार 464 सेब बैग पहुंचे थे। सेब के उत्पादन में गिरावट इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। इस साल सेब की कम फसल के चलते एचपीएमसी के सेल सेंट्रो में सेब कम आया है। ज़िला के सेब उत्पादित क्षेत्रों में ओलों की मार और बारिश ठंड से खराब सेब टनों के हिसाब से एचपीएमसी के सेल सेंट्रो में पहुंचता था। एचपीएमसी के चिंडी स्थित प्रभारी हरीश कुमार ने सेल सेंटर बंद होने की पुष्टि की है। पिछली साल एचपीएमसी ने मंडी ज़िला में 28464 बैग की खरीद की थी। इस बार एचपीएमसी 4 गुणा कम सेब सेल सेंटरों में पहुंचा है। एचपीएमसी खरीद किए गए सेब का एप्पल जूस तैयार करता है। बागवानों चंद्रमन्नी, रमेश, राम लाल, तपेन्द्र, मोहन, लाला राम, हरनाम, पवन, जगदीश, हेमराज, लाभ सिंह, दीवान चन्द, नेत्र सिंह और भगवान दास ने बताया कि बागवानों ने ओलों से खराब और गोल्डन सेब एचपीएमसी को दिया। इस बार दिल्ली आजादपुर मंडी में सेब के दामों में गिरावट दर्ज की गई है। स्पर और नई वैरायटियों का सेब पिंजौर और परवाणु मंडियों में हाथों हाथ बिका। मंडी ज़िला में करसोग, चुराग, चरखडी, पांगणा, शकोहर, थमाड़ी, रोहांडा, बाढ़ू, घीड़ी, कुटाहची, सरोआ, फंग्यार, जहल, धंग्यारा, सलाहर, काढ़ा, बगस्याड, थुनाग, जंजैहली, छतरी, पंजाई, थाची और द्रंग क्षेत्रों में सेब की पैदावार होती है। सुखु सरकार ने इस बार सेब का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया है। जिससे एचपीएमसी ने इस बार भी 12 रुपए प्रति किलो सेब की खरीद की।
एचपीएमसी के इन खरीद केंद्रों में पहुंचा इतना सेब
बगस्याड 3134
चियूनी 774
चिंडी 3967
महासू 1453
छतरी 1230
कटांढा 1072
चरखडी 770
निहरी 182
सेरी 2612
कुल 15194 बैग