क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम के तहत आयोजित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में किया गया। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नागराज पंवार ने कहा कि जिले के निजी स्वास्थ्य संस्थानों अथवा क्लीनिकों में अल्ट्रासाउंड मशीनों के प्रयोग पर हर समय कड़ी नजर रखी जाती है, ताकि लिंग का पता लगाने के लिए इनका दुरुपयोग न हो सके। उन्होंने स्थानीय निजी अस्पताल में मशीनों को जमा करने संबंधी मामले में समस्त पहलुओं की जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने कहा कि पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम, कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए पारित किया गया है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध है। प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक ‘पीएनडीटी’ एक्ट , के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है। अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डॉक्टर, लैब कर्मी को 3 से 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। बैठक में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनु, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुरेश के अलावा गैर-सरकारी सदस्य मीरा राणा सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।