सतीश ठाकुर मंडी।
मंडी जनपद के अधिष्ठाता बड़ा देव कमरुनाग रविवार को रघुनाथ की नगरी कुल्लू के लिए बतौर मेहमाननवाजी को अपने निवास स्थल महरयार से रवाना हो गए हैं। देव कमरुनाग के साथ उनके पुत्र देव बालाटिका टूंगरासन भी मेहमाननवाजी को निकले हैं। बड़ा देव कमरुनाग अपने भक्त कुशाल ठाकुर जो सेवानिवृत एसई है के भुंतर स्थित निवास में मेहमाननवाजी में भाग लेंगे। 14 साल बाद रिटायर्ड एसई कुशाल ठाकुर को बड़ा देव की मेहमाननवाजी की स्वीकृति मिली है। 14 साल से देवता के भक्त कुशाल ठाकुर कमरुनाग देवलु कमेटी से मेहमाननवाजी को दिन मांग रहे थे। 14 साल के बाद उन पर बड़ा देव कमरुनाग मेहरवान हुए हैं। कुशाल ठाकुर धगयारा गांव के रहने वाले हैं और वह अब कुल्लू जिला के भुंतर में सेटल हो गए हैं। अपने आराध्य देवता को अपने घर बुलाने की उनकी 14 वर्षों से तमन्ना थी। जो अब जाकर पूरी हुई है। देवता के कटवाल कहना सिंह ठाकुर ने देवता के पहली बार कुल्लू जिला में प्रवेश करने की पुष्टि की है। इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि बड़ा देव कमरुनाग मंडी जिला की सीमा छोड़ किसी दूसरे जिला में प्रवेश कर रहे हैं। रघुनाथ की नगरी में देव कमरुनाग के पधारने पर देव समाज कुल्लू में भी खुशी की लहर है। वहीं बड़ा देव के देवलु भी पहली बार अपने जिला से दूसरे जिला में प्रवेश पाने को बेहद उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। देव कमरुनाग 20 अक्तूबर को अपने भंडार से भुंतर के लिए रवाना हुए हैं। रविवार शाम को देवता बाग ( गोहर) रात्रि विश्राम करेंगे। वहां से अगले दिन देवता हणोगी माता शाम को पहुंचेंगे। जहां से 22 अक्तूबर शाम को देवता भुंतर मेहमाननवाजी को पहुंचेंगे। कुल्लू में देव कमरुनाग आगामी 23 अक्तूबर को शमशी से आगे गदौरी में स्थित देवता बालाटिका मंदिर में विराजेंगे। कुल्लू दौरे पर बड़ा देव भगवान रघुनाथ से भी मिल सकते हैं।
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