अनिल कांत शर्मा।
चंडीगढ़/बठिडा: मानहानि मामले में बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पिछली पेशी के दौरान उन्होंने बुज़ुर्ग महिला किसान मोहिंदर कौर से माफी जरूर मांगी थी, लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई में अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए। अब इस मामले में बहस शुरू होगी। कोर्ट ने मामले की अगली तारीख 4 दिसंबर निर्धारित की है, जबकि कंगना द्वारा निजी पेशी से स्थायी छूट की मांग पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। सुनवाई के दौरान मोहिंदर कौर की ओर से उनके पति लाभ सिंह अदालत में मौजूद रहे और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी किसान संगठन के दबाव में नहीं हैं तथा यह लड़ाई वे स्वयं लड़ रहे हैं।
*जाने पूरा मामला*
यह मामला दिसंबर 2020 के उस विवादित रीट्वीट से जुड़ा है, जब केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे थे। इसी दौरान कंगना रनौत ने एक ट्वीट में बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जंडियां गांव की बुजुर्ग किसान महिला मोहिंदर कौर की तुलना शाहीन बाग आंदोलन की बिलकिस बानो से कर दी थी। इसके अलावा, उन्होंने अपने ट्वीट में इस तरह की महिलाओं के आंदोलन में 100 रुपये लेकर शामिल होने का विवादित दावा भी किया था। कंगना के इस बयान को अपमानजनक बताते हुए मोहिंदर कौर ने 5 जनवरी 2021 को उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
कंगना ने कोर्ट में दी थी ये की दलील
27 अक्टूबर की पेशी के दौरान कंगना रनौत ने अदालत में कहा था कि उनका रीट्वीट ‘गलतफहमी’ का परिणाम था और उनका किसी को भी आहत करने का कोई इरादा नहीं था। वहीं दूसरी ओर, मोहिंदर कौर के पति लाभ सिंह अपने वकील रघबीर सिंह बेनिवाल के साथ अदालत में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में अंत तक लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कंगना रनौत ने सुप्रीम कोर्ट तक सभी कानूनी उपाय अपनाए और हर स्तर पर राहत न मिलने के बाद ही माफी मांगी।
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