मंडी। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर स्थित ग्राम पंचायत झीड़ी में प्रस्तावित फ्लाई ओवर के विरोध में जनता ने आवाज उठाना शूरु कर दी है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है, कि यहां फोरलेन पर एक किलोमीटर लम्बा फ्लाई ओवर प्रस्तावित है, जिसके निर्माण की योजना से पूर्व इस गांव की पंचायत व अन्य हित धारकों को ना तो विश्वास में लिया गया ना ही कोई जानकारी उनसे साझा की गयी। ग्राम झीड़ी में प्रस्तावित फ्लाई ओवर से पंचायत व अन्य हित धारकों को विभिन्न प्रकार की समस्याएं व चिंताएं हैं। जैसे कि ग्राम पंचायत झीड़ी के अधिकतर युवा जिनकी संख्या 500 के लगभग है, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी साहसी खेलों से जुड़े हैं। वहीं उनके साथ दो हजार से अधिक लोग परोक्ष रुप से जुड़े हैं। फ्लाई ओवर के बनने से उनकी जीविका पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। झीड़ी में होटल रेस्टोरेंट ढाबे व अन्य दुकाने पर्यटन गतिविधियों पर ही निर्भर है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिला हुआ है। फ्लाई ओवर के बनने से इस प्रकार की पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह से खत्म हो जायेंगी। कुल्लू के पीरडी से औट तक का क्षेत्र हिमाचल सरकार व भारत सरकार द्वारा पर्यटन से जुड़ी साहसी खेलों के लिए चिन्हित है। जिसमें झीड़ी विशेष तौर पर रिवर राफ्टिंग के अंतिम छोर के रूप में घोषित है फ्लाई ओवर के बनने से यह सभी गतिविधियां ठप्प हो जायेंगी।
फोरलेन निर्माण में भूमि का अधिग्रहण होने से जनता के चलते काम-धंधे चैपट हो गये। भूमि के कम मुआवजे के चलते प्रभावितों ने जैसे-तैसे बैंकों से कर्जा लेकर फिर से होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे अन्य दुकानें व पर्यटन गतिविधियों पर पूंजी लगाकर फिर से रोजगार के साधनों को पटरी पर लाने का प्रयास किया लेकिन फ्लाई ओवर के बनने से उनके लिए बड़ी आर्थिक समस्या पैदा होने जा रही है। फ्लाई ओवर के बनने से कृषि-बागवानी में लगे किसानों व पशुओं के आर पार जाने की बड़ी समस्या होगी, वहीं जनता को सामुदायिक वन में ईंधन व पशु चारा लाने में कठिनाई होने के साथ-साथ जल भराव जैसी समस्याएं पैदा होगी। इसी प्रकार फ्लाई ओवर के बनने से स्थानीय जनता के श्मशान जाने का रास्ता, सरकारी कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि व बागवानी विश्वविद्यालयों के क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रों के आने-जाने के रास्ते अवरुद्ध हो जायेंगे, जिससे हजारों लोगों को परेशानी होगी। फ्लाई ओवर से स्थानीय पंचायत दो हिस्सों में बंट जायेगी, जिससे छोटे-छोटे बच्चों को आंगनबाड़ी व स्कूल जाने, स्थानीय निवासियों को पंचायत के सामुदायिक भवन, जलशक्ति विभाग के सामुदायिक भवन जाने के साथ-साथ बस ठहराव पर जाने व बस सुविधा को प्राप्त करने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। पूरी पंचायत के दो हिस्सों में बंट जाने से स्वास्थ्य केन्द्र, पशु स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत घर जैसी जगह जहां लोगों को आम तौर पर जाना होता है को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
हिमाचल में गत दिनों बारिश-बाढ़ से भारी भूस्खलन हुआ, झीड़ी में भी भारी भूस्खलन से बड़ा नुकसान हुआ। ऐसे में फ्लाई ओवर जैसी अवांछित गतिविधि से क्षेत्र का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ना व भूमि के धंसने की बड़ी संभावना है। वर्तमान त्रासदी के हालातो में ऐसा निर्माण बहुत ही विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। उल्लेखनीय है कि फ्लाई ओवर के लिए बहुत बड़ी मात्रा में पत्थर-मिट्टी व दूसरी निर्माण सामग्री की आवश्यकता रहेगी। त्रासदी के दृष्टिगत खनन गतिविधियों पर प्रतिबन्ध के चलते इस प्रकार का घातक निर्माण किस प्रकार होगा यह एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है।
फ्लाई ओवर से चिन्तित ग्रामीणों जिनमें विवके वर्मा, निर्मल शर्मा, अनुज शर्मा, तुलसी राम, निमे राम, दुर्गा सिंह, मनोज, चमन, भगत राम, दुष्यंत ठाकुर, धर्मवीर पठानिया, रणजीत सिंह, बालक राम, रामलाल, जगन्नाथ, विपिन शर्मा सहित अन्य ग्रामीणों ने फ्लाई ओवर निर्माण को अनावश्यक बताते हुए कहा कि ग्राम पंचायत झीड़ी में फ्लाई ओवर का निर्माण किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। जिसके चलते पूरी पंचायत के समस्त निवासियों व अन्य हित धारकों का आग्रह है, कि उक्त फ्लाई ओवर के निर्माण की किसी भी प्रकार की योजना को रद्द करके सामान्य गोल चैक जैसे विकल्पों पर विचार किया जाए जिससे जनता को राहत मिल सके। ग्रामीणों ने इस विषय पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री व हिमाचल के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर उनका ध्यान इस गंभीर विषय पर आकर्षित करने की बात कही
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