सतीश ठाकुर
मंडी। बड़ा देव कमरुनाग के धगयारा गलु परता स्थल में सोमवार को मौसम साफ करने की अरदास को लेकर माहौल गर्मा गया। गूर देवी सिंह द्वारा दिया गया परता असफल होने के बाद बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण धगयारागलु पहुंचे। परते को लेकर घंटों तक देवस्थल में गहमागहमी का माहौल बना रहा। किसानों ने देव दरबार में वर्तमान गूर देवी सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठाए और बारिश से बेहाल हालात का हवाला देते हुए फिर से परता मांग डाला। अंततः लंबे संवाद और मान-मनौव्वल के बाद पूर्व गूर गुरदेव को बुलाया गया और उन्होंने आठ दिन तक मौसम साफ करने का परता दिया। देव परंपरा के अनुसार परता का अर्थ होता है देवता को बारिश बर्फ़बारी के लिए मनाने के लिए आग को स्लेट पर रखकर धूप जलाकर मौसम से जुड़ी मनोकामना की अरदास लगाना है। किसान लगातार हो रही बारिश से परेशान हैं और खेतों में खड़ी फसलों के सड़ने का खतरा मंडरा रहा है। इसी चिंता के चलते वे देव कमरुनाग के दरबार में फरियाद लेकर पहुंचे थे। गौरतलब है कि वर्तमान गूर देवी सिंह के परता में विफल रहने के बाद देव समाज में उनकी स्थिति डांवाडोल होती दिख रही है। परंपराओं के अनुसार गूर का परता सफल न होने पर उसे अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है। बड़ा देव कमरुनाग को हिमाचल में वर्षा देवता के रूप में पूजा जाता है। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार देवता के गूर द्वारा परता देने पर मौसम में बदलाव की उम्मीद की जाती है। ऐसे में अब सबकी निगाहें अगले आठ दिनों पर टिकी है। देवता के कटवाल काहन सिंह ने पूर्व गूर गुरदेव गुरदेव लाठी द्वारा आठ दिन मौसम साफ रखने का परता देने की पुष्टि की है।
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