के. के. ठाकुर ।
औट। औट ट्रैफिक टनल हादसों के लिहाज से काफी संवेदनशील हो गई है। टनल में आए दिन छोटे-बड़े हादसे होते रहते हैं। रविवार सुबह भी स्कूली बच्चों का टूर ले जा रही एक निजी बस टनल में खड़े बुलडोजर से टकरा गई। इस हादसे में कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आईं हैं। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और मारकंडा टैक्सी यूनियन हरकत में आ गई और टनल में फंसे बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। व्यापार मंडल औट के प्रधान खुशी राम शर्मा और मारकंडा टैक्सी यूनियन के प्रधान डोला सिंह महंत का कहना है कि औट टनल में अक्सर हादसे होते रहते हैं, लेकिन इस बारे में कोई कठोर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
टनल के अंदर वाहनों की तेज गति दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है।
टनल के अंदर पर्याप्त रोशनी न होने के कारण दृश्यता बहुत कम हो जाती है, जिससे अचानक सामने आए वाहन या रुकावट को देखना मुश्किल हो जाता है।
टनल के अंदर जमा धूल और वाहनों का धुआं भी विजिबिलिटी को और कम कर देता है।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि टनल के अंदर नेटवर्क की कनेक्टिविटी न होने के कारण, किसी भी दुर्घटना की स्थिति में राहत और बचाव कार्य शुरू करने में अनावश्यक देरी हो जाती है, जिससे घायलों की जान को खतरा बढ़ जाता है।
स्थानीय निवासियों और टैक्सी ऑपरेटरों ने प्रशासन से तुरंत इन सुरक्षा खामियों को दूर करने, गति नियंत्रण के लिए उपाय करने और टनल के अंदर बेहतर लाइटिंग तथा नेटवर्क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी जानलेवा दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
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