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मंडी कलम शैली से तैयार निमंत्रण-पत्र भेजकर देवी-देवताओं को दिया जाएगा मेले का निमंत्रण

निमंत्रण पत्र से मंडी कलम को घर-घर पहुंचाने का किया गया प्रयास-अपूर्व देवगन

सतीश ठाकुर

मंडी। ‘‘एस्स साल 15 फागण सम्मत 2081 से 22 फागण 2081 (25 फरवरी 2025 से 5 मार्च 2025) तका मण्डी सैहरा अंतर्राष्ट्रीय सिवरात्रि महोत्सव मनाणा लाईरा। तुस्सा सभी के हाथ जोड़ी के अरज हई कि मेले मंझा पुराणे रीति रवाजानुसार आईके सोभा बधाणी होर तुस्सा रे दरसन कठ्ठे आईरे सभी  जातरूआं जो आपणा आसीरवाद देणा। श्री 108 माधोराय जी हरसाल तस्सारे दरसन करीके आसे सभी सुखी रैहें। ऐस्सा साला भी सिवरात्रि मेले मंझा आओणे री किरपा होर आसा सभी परा आपणी किरपा दरिस्टी रखणी।'' इन मंडयाली शब्दों के साथ 16 वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी तक प्रचलित मंडी कलम शैली पहाड़ी लघु चित्रकला शृंखला  के अनुरूप आर्ट वर्क के साथ प्रकाशित निमंत्रण-पत्र उपायुक्त एवं अध्यक्ष शिवरात्रि मेला कमेटी अपूर्व देवगन ने आज यहां से लांच किया।

 अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर, संयोजक देवता उप-समिति शिवरात्रि मेला एवं एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार,  जिला राजस्व अधिकारी मंडी हरीश शर्मा, जिला विकास अधिकारी गोपी चंद पाठक, चित्रकार राजेश कुमार इस मौके पर उपस्थित रहे। शिवरात्रि मेला कमेटी मंडी राजदेवता श्री माधोराय की ओर से शिवरात्रि मेला में आने वाले 216 देवी-देवताओं देवताओं को न्यूंदरा देने जा रही है।

उपायुक्त एवं अध्यक्ष शिवरात्रि मेला कमेटी मंडी अपूर्व देवगन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला मुख्यतः देवी-देवताओं का मेला है। आम सभा में यह निर्णय लिया गया था कि देवताओं को भेजे जाने वाले निमंत्रण पत्र अच्छे से बनाया जाए ताकि उस न्यौते की अच्छी शोभा हो। उसी को ध्यान में रखकर मंडयाली बोली और मंडी कलम का इस्तेमाल कर बहुत ही सुन्दर न्यूंदरा(निमंत्रण-पत्र) तैयार किया है।

निमंत्रण पत्र तैयार करने में मंडी कलम को पुनर्जीवित करने वाले प्रसिद्ध चित्रकार राजेश कुमार, जिला विकास अधिकारी गोपी चंद पाठक, सहायक उपायुक्त कुलदीप सिंह पटियाल, उपायुक्त कार्यालय के विजय, राजेश और सुरेश, वरिष्ठ नागरिक विनोद वहल, अनिल शर्मा और जगदीश कपूर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


निमंत्रण पत्र में दिखेगा राजसी ठाठ बाट


उपायुक्त ने बताया कि देवी-देवताओं को भेजे जाने वाले निमंत्रण पत्र के माध्यम से राजा सिद्धसेन के समय 16वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक प्रचलित मंडी कलम के प्रारूप और स्वरूप को घर-घर पहुंचाने का प्रयास किया गया है। निमंत्रण पत्र में उस दौर के राजसी ठाठ बाट को दिखाने का प्रयास किया गया है। निमंत्रण पत्र में  लाल, हरा, नीला, पीला और सुनहरे रंगों से सजी इसकी कलर थीम मंडी कलम को दर्शाती है।


ठेठ मंडयाली बोली में कार्ड किया तैयार


उन्होंने बताया कि कार्ड में मंडी नगर की ठेठ मंडयाली बोली का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है। कार्ड को रॉयल रूप देने के लिए इसमें 250 जी.एस.एम का पेपर, लिफिंग तकनीक इस्तेमाल की गई है।


निमंत्रण पत्र के चित्रों में भगवान शिव और माता पार्वती के ब्याह का किया गया चित्रण- राजेश कुमार


राजेश कुमार ने बताया कि निमंत्रण पत्र के चित्रों में भगवान शिव और माता पार्वती के ब्याह का सीधे सादे रंग से चित्रण किया गया है जो सादगी को दर्शाता है और साथ में देवी देवता खडे अपनी भागीदारी दिखा रहे हैं। बीच में शिव के वाहन नंदी व पार्वती के वाहन चीता इकट्ठे दिखाया गया है जो आपस में प्रेम से रहना दर्शाता है। बीच में भाग में त्रिलोकी नाथ हृदय में आदि भवानी को बिठाया है जो प्रेम का संदेश दर्शा रहे है। सुनहरी लाइन राजसी प्रतीक दिखाई गई है।

       निमंत्रण पत्र में मण्डी कलम में होने वाले प्रसिद्ध रंग संयोजन मंडी की भौगोलिक स्थिति बताता है और यहाँ की संस्कृति दर्शाता है जैसे बैकग्राउंड में गहरा हरा रंग रंग मण्डी की चारों ओर की हरियाली को दर्शाता है और लाल रंग यहां अध्यात्मिक शक्ति व विश्वास को दर्शाता है।

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Published On : 04 February 2025

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