Himachal Land Rights: हिमाचल प्रदेश में बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार देने के लिए 51 साल पुराने कानून में संशोधन किया गया है। अब बेटियों को भी बेटों की तरह पैतृक संपत्ति में एक अलग इकाई के रूप में मान्यता मिलेगी। इससे पहले, हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा अधिनियम-1972 में केवल व्यस्क पुत्र को अलग इकाई के रूप में 150 बीघा तक भूमि रखने का अधिकार था, लेकिन व्यस्क पुत्री इस अधिकार से वंचित थी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अप्रैल 2023 में संशोधित लैंड सीलिंग बिल पारित किया गया था, जिसे अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। संशोधन के तहत, अधिनियम की धारा 4 की उप-धारा 4 में ‘पुत्र’ शब्द के बाद ‘या पुत्री’ जोड़ा गया है। इसके चलते अब बेटियों को भी बेटों के समान अधिकार मिलेगा, चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित।
राज्य सरकार ने इस संशोधन को लैंगिक समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। पहले के नियमों में, केवल बेटों को अलग इकाई मानकर अतिरिक्त 150 बीघा भूमि तक रखने की अनुमति थी, जबकि बेटियों को इससे बाहर रखा गया था। अब इस संशोधन के बाद, बेटी को भी समान अधिकार मिलने से राज्य में संपत्ति के बंटवारे में बड़ा बदलाव आएगा।
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