● ईडी ने हिमाचल, दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में छापेमारी कर नकदी, गहने और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए।
● दो वांछित आरोपी गर्व भांभरी और ममता कंसल गिरफ्तार, कोडीन-आधारित कफ सिरप की अवैध बिक्री का मामला।
● 2018-24 के बीच 20 करोड़ रुपये में 55 लाख बोतलें खरीदी गईं, अनधिकृत तरीके से वितरित की गईं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में छापेमारी कर नकदी, गहने और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। यह कार्रवाई कोडीन-आधारित कफ सिरप (सीबीसीएस) की अवैध बिक्री से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई। इस दौरान 40.62 लाख रुपये नकद, 1.62 करोड़ रुपये के आभूषण और डिजिटल सबूत बरामद हुए।
ईडी ने इस दौरान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के दो वांछित आरोपियों गर्व भांभरी और ममता कंसल (निकेत कंसल की मां) को गिरफ्तार किया। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई रईस अहमद भट और अन्य के खिलाफ की गई जांच के तहत की गई, जो सीबीसीएस की अनधिकृत बिक्री कर अवैध कमाई कर रहे थे।
ईडी की जांच में सामने आया कि कफ सिरप ब्रांड कोकरेक्स को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित विदित हेल्थकेयर से अनधिकृत रूप से खरीदा गया था। इस कंपनी का प्रबंध साझेदार हरियाणा के पानीपत निवासी नीरज भाटिया है। खरीदे गए सिरप को एसएस इंडस्ट्रीज, फरीदाबाद (सुमेश सरीन), एन के फार्मास्यूटिकल्स, कंसल फार्मास्यूटिकल्स, कंसल इंडस्ट्रीज समेत अन्य फर्जी कंपनियों के जरिए बेचा गया। इनका संचालन निकेत कंसल और उनके परिवार के लोग कर रहे थे, जो दिल्ली में रहते हैं। इनके साथ गर्व भांभरी भी इस रैकेट में शामिल था, जो फरीदाबाद में रहता है।
ईडी को जांच में पता चला कि 2018 से 2024 के बीच कंसल इंडस्ट्रीज, कंसल फार्मास्यूटिकल्स, एनके फार्मास्यूटिकल्स, नोवेटा फार्मा और एसएस इंडस्ट्री ने विदित हेल्थकेयर से बड़ी मात्रा में कफ सिरप खरीदा और इसे अनधिकृत तरीके से बेचा। दवा नियंत्रण अधिकारियों ने इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए थे, फिर भी इनका अवैध कारोबार जारी रहा।
2019 से 2025 के बीच, एन के फार्मास्यूटिकल्स और अन्य संस्थाओं ने विदित हेल्थकेयर को 20 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर 55 लाख बोतलें खरीदीं। ईडी को संदेह है कि इन सिरप को खुले बाजार में बेचा गया, जिससे भारी मात्रा में अवैध कमाई हुई। इस राशि का बड़ा हिस्सा नकद में जमा किया गया और बैंकिंग लेनदेन के जरिए सफेद धन में बदलने की कोशिश की गई।
ईडी अब इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल अन्य लोगों को ट्रैक कर रही है।
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