हिमाचल प्रदेश में पुनर्रोजगार की अवधि पूरी होने से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन के लाभ नहीं दिए जाएंगे। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा हायर करने के मामले में भी यही प्रावधान लागू होंगे। राज्य सरकार के प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को संशोधित कार्यालय आदेश जारी किए हैं।
सेवानिवृत्ति तिथि पर ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट, जीपीएफ, पेंशन कम्यूटेशन जैसे लाभ नहीं मिलेंगे। विभाग ने सेवानिवृत्त कर्मियों की पुनर्नियुक्ति और अनुबंध आधार पर नियुक्तियों से संबंधी दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। विभाग ने 10 नवंबर 2023 और 24 जुलाई 2024 के कुछ प्रावधानों को संशोधन किया है।
इसमें वित्त विभाग ने कहा है कि इन प्रावधानों में और अधिक स्पष्टता व सभी विभागों में एकरूपता लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। संशोधित प्रावधानों के अनुसार नियमित मासिक पेंशन को छोड़कर सेवानिवृत्ति की तिथि पर देय सभी लाभ पुनर्नियुक्ति की अवधि पूर्ण होने के बाद ही देय होंगे।
सरकार ने विभागों को निर्देश दिए हैं कि इन संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। आदेश के बाद पुनर्नियुक्ति के मामलों पर अंकुश लगेगा। बीच-बीच में कोई न कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी पुनर्नियुक्ति के लिए आवेदन करता रहता है। ऐसे में कई लोग इसमें दिलचस्पी नहीं लेंगे और पुनर्नियुक्ति पाएंगे।
अनुबंध कर्मचारियों के मामले की सुनवाई 1 दिसंबर को
वहीं प्रदेश हाईकोर्ट में अनुबंध कर्मचारियों से जुड़े मामले की सुनवाई अब 1 दिसंबर को होगी। राज्य सरकार ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा की शर्त अधिनियम, 2024 लागू किया है। कर्मचारियों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
मामले की सुनवाई न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ कर रही है। इससे पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों अनुबंध कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ देने के आदेश दे चुके हैं, मगर राज्य सरकार ने बीते वर्ष विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर अनुबंध अवधि से वित्तीय लाभ न देने का निर्णय लिया था।
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